सॉफ्टवेयर तथा उसके प्रकार
सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, Software का निर्माण Computer पर कार्य करने को Simple बनाने के लिये किया जाता है, आजकल काम के हिसाब से Software का निर्माण किया जाता है, जैसा काम वैसा Software । Software को बडी बडी कंपनियों में यूजर की जरूरत को ध्यान में रखकर Software programmers द्वारा तैयार कराती हैं, इसमें से कुछ free में उपलब्ध होते है तथा कुछ के लिये चार्ज देना पडता है। जैसे आपको फोटो से सम्बन्धित कार्य करना हो तो उसके लिये फोटोशॉप या कोई वीडियो देखना हो तो उसके लिये मीडिया प्लेयर का यूज करते है।
कंप्यूटर बिभिन्न प्रोग्रामों का समूह होता हैं जिसके द्वारा विशिष्ट कार्यों को किया जा सकता हैं| कंप्यूटर में दो भाग होते है, पहला हार्डवेयर कहलाता है जबकि दूसरा सॉफ्टवेयर | हार्डवेयर कंप्यूटर के भौतिक भाग होते है जिन्हें हम छु सकते है जो एक निश्चित कार्य करते है, जिसके लिए उन्हें बनाया गया है जैसे- Keyboard, Mouse, Monitor, CPU, Printer, Projector etc. इसके विपरीत सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का समूह है जो इन हार्डवेयर के कार्यों को निर्धारित करता है जैसे- word Processing, Operating System, Presentation etc. आते है, जो हार्डवेयर के साथ Interface करते हैं| यदि हार्डवेयर की तुलना कंप्यूटर के शरीर से जाती है तो सॉफ्टवेयर की तुलना कंप्यूटर के दिमाग से की जाती है| जिस प्रकार दिमाग के बगैर मानवीय शरीर बेकार हैं ठीक उसी प्रकार सॉफ्टवेयर के बगैर कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नहीं है| उदाहरणार्थ हम keyboard, Mouse, Printer, Internet आदि का प्रयोग करते है इन सबको को चलाने के लिए भी Software की आवश्यकता होती है|
“Software is a Group of Programmes”
Computer On होने के बाद Software सबसे पहले RAM में Load होता है तथा Central Processing Unit में Execute (क्रियान्वित) किया जाता है| यह Machine Language में बना होता है, जो एक अलग Processor के लिए विशेष होता है| यह High Level Language तथा Assembly Language में भी लिखा जाता है|
सॉफ्टवेयर की आवश्यकता (Needs of Software) –

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